शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2014

पैसों के लिए ही ये संसद चलती है;

फोटो-गूगल से साभार 
ना राजा -रंक  कोई,सब केवल पैसा है ,
कर लो भई जो चाहे,जब मुट्ठी में पैसा है. 
पैसों के लिए ही ये , संसद चलती है;
पैसों की खातिर ही सियासत रंग बदलती है।।

साहस औ लाचारी -अभिमान ये पैसा है।।१।।
भगवान ये पैसा है,ईमान ये पैसा है।।

पैसों के पीछे हैं,नेता -अफसर भागे।
हर कोई बस यारों ,पैसा-पैसा मांगे।
कपडे ,ताबूत-कफ़न मे, पैसों की जरुरत है,
पैसा ही पूजा है,अरदास-इबादत है।।

ईशा -अल्ला-अपना रहमान ये पैसा है।।२।।@
भगवान ये पैसा है,ईमान ये पैसा है।

हो जाते पूत-कपूत,जो नहीं कमाते है.
पैसों के खातिर ही,सब रिश्ते-नाते है,
जब जेब रहे खाली .बिन पैसे-बिन पाई। 
वैरी हो जाते- सब बीबी-बच्चे-भाई।।

माँ-बाप की चाहत में ,संतान ये पैसा है।।३।।@
भगवान ये पैसा है,ईमान ये पैसा है।

पैसों के पावों  पर, ये दुनिया चलती है.
कहते हैं पैसों से, तकदीर बदलती है;
पैसों की बदौलत ही सब रौशनाई है।
पैसों से ही बजती,आँगन में शहनाई है।।  ..

तंगी से कर दे घर, शमशान ये पैसा है।।५।।@ 
भगवान ये पैसा है-ईमान ये पैसा है।।

ईशा -अल्ला-अपना रहमान ये पैसा है।।
 भगवान ये पैसा है-ईमान ये पैसा है।
                        ---सुधीर शर्मा

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