अधूरा हिन्दुस्तान

आजादी के 75 साल गुजरने के बाद भी अनगिनत भारतीय रोटी, कपड़ा और मकान की जद्दोजहद में हैं. कुछ इतने भूखे हैं कि उन्हें रोटी के शिवा भगवान किसी और रुप में दिखता ही नहीं. लाखों लोग बेघर हैं और सड़क फुटपाथों पर खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं. जिन हुक्मरानों पर इनके उत्थान की जिम्मेवारी हैं वे पंथ-प्रांत और पॉलिटिक्स में बंटे और बिखरे हैं. इसलिए अपना हिन्दुस्तान अब तलक अधूरा है.अपुन अधूरे हिन्दुस्तान को पूरा करने निकले हैं ..आप का भी स्वागत है...

शनिवार, 15 मार्च 2014

होली है भाई होली है.


Posted by adhuraHindusatan at 10:05:00 am
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