सोमवार, 27 जनवरी 2014

ये है 34 लाख का फोन नंबर, क्या आपने इसे डायल किया?

नई दिल्ली। देश के बड़े शहरों में कॉल ऑन कैब का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ गया है। एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन या घर से बाहर निकलते समय लोग इन कैब ऑपरेटर्स को कॉल कर गाड़ी बुलाते हैं। लोगों के लिए यह एक बड़ी सुविधा है। बस एक नंबर डायल करो और आपके पास कैब पहुंच जाती है। इतना ही नहीं कैब सर्विसेज 24 घंटे आपकी सर्विस में हाजिर रहती हैं। ऐसे में लोगों को कंपनी याद नहीं रहती। उनको याद रहता है तो नंबर। इन नंबरों को खरीदने के लिए लोग लाखों रुपये खर्च करने के लिए भी तैयार हैं। अब जिस प्रकार से शहरों में कैब सर्विस का बोलबाला बढ़ा है, ठीक उसी प्रकार इन ऑपरेटर्स के बीच प्रतिस्पर्धा भी खूब बढ़ी है। इस समय शहर में न जाने कितनी कैब सर्विसेज मौजूद हैं। यदि दो-चार को छोड़ दें तो बाकी सभी का नाम याद रख पाना मुश्किल हैं। कैब ऑपरेटिंग बिजनेस एक बात की जबर्दस्त होड़ मची हुई है वो है संपर्क के लिए टेलिफोन नंबर्स की। .आखिर इनके पास कैसे पहुंचता है आपका मोबाइल नंबर? जी हां, यदि आप बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई या फिर ऐसे ही बड़े महानगरों में रहते हैं तो आपको सड़क पर फर्राटा भरती कुछ ऐसी जरूर दिख जाती होंगी जिन पर बड़े-बड़े शब्दों में मोबाइल या फिर टेलीफोन नंबर लिखे होते हैं। इन नंबरों की खासियत ये होती है कि ये नंबर आपको यदि 1 से 2 बार दिख जाएं तो आपको हमेशा याद रहेंगे। इसका मुख्य कारण इनका यूनिक और फैंसी होना है। फिर चाहे आपको कैब सर्विस का नाम याद आये या फिर ना आये लेकिन आपको वह नंबर जरूर याद रहेगा। इसी होड़ में बीते दिनों चेन्नई में कुछ अजीबो-गरीब वाकया हुआ। चेन्नई के बीएसएनएल ऑफिस ने फैंसी पीएनटी नंबर्स के लिए नीलामी का कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें एक फैंसी और यूनिक नंबर '20002000' को भी शामिल किया गया। इस नंबर को पाने के लिए लगभग 16 लोगों ने बढ़-चढ़ कर बोली लगाई। जिसमें चेन्नई के ही एक कैब ऑपरेटर रवि ट्रैवेल्स ने पूरे 33.93 लाख रुपये की सबसे ज्यादा बोली लगाकर इस नंबर को हासिल कर लिया।

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