मुंबई। एनसीपी नेता और महाराष्ट्र महिला आयोग की सदस्य आशा मिरगे ने महिलाओं को बलात्कार के लिए जिम्मेदार बताकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। आशा मिरगे ने महिलाओं के साथ लगातार हो रहे यौन शोषण के लिए उनके पहनावे को जिम्मेदार ठहराया है। आशा मिर्जे महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ कांग्रेस की सहयोगी पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की नेता भी हैं। मिर्जे ने नागपुर में हुई पार्टी की महिला कार्यकर्ताओं की बैठक में कहा कि महिलाओं का रहन-सहन और पहनावा बलात्कार की घटनाओं को बढ़ावा देता है। मिरगे यहीं नहीं रुकीं, उन्होंने कहा कि रेप महिला के कपड़े, चाल चलन और गलत जगह पर रहने से होते हैं। उन्होंने कहा कि 20-25 फीसदी युवतियां सजगता के आभाव में दुष्कर्म का शिकार बनती हैं।निर्भया और फोटो पत्रकार ही दोषी!
कोर्ट ने जहाँ बलात्कारियों को दोषी मानते हुए कारवाई का आदेश दिया है वहीँ जराज्य महिला आयोग कि अध्यक्षा खुद लड़कियों को दोषी मन रही हैं. दिल्ली के निर्भया गैंग रेप मामले में पीड़िता को ही दोषी ठहराते हुए मिरगे ने कहा कि रात को वो दोस्त के साथ फिल्म देखने क्यों गई थी? यही नहीं मिर्जे ने मुंबई के शक्ति मिल्स परिसर में महिला फोटो पत्रकार के मामले में कहा कि महिला को सुनसान जगह जाने की क्या जरूरत थी।
मिरगे ने एनसीपी की महिला इकाई के सम्मेलन में कहा कि मैं आपको एक कविता सुनाती हूं, सावन में हिरणी संभलकर रहो नहीं तो कोई शिकारी शिकार कर लेगा। इसके बाद उन्होंने कहा, हिरणी ही क्यों कहा? हिरण क्यों नहीं?.. क्योंकि हिरणी को ही संभलकर जीने की जरूरत है। पर हम संभलकर जीते हैं क्या? ..संभलकर रहना चाहिए। इस उम्र में भी मैं मिर्ची के पैकेट साथ रखती हूं। संभलकर ही जीना चाहिए।
आशा के बयान के बारे में जब एनसीपी प्रवक्ता नवाब मलिक से पूछा गया तो, उन्होंने इससे पल्ला झाड़ लिया। उन्होंने कहा, न तो मैंने आशा के बयान को सुना है और न ही मुझे इसके बारे में कोई जानकारी है। यदि उन्होंने ऐसा कुछ कहा है, तो यह उनकी व्यक्तिगत राय है।
राष्ट्रीय महिला आयोग ने मिरगे के इस बयान को शर्मनाक बताया और नोटिस जारी कर 7 दिनों के भीतर जवाब मांगा है
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