सरकार ने कहा-नहीं देंगे उपाधि

सूचना के अधिकार के तहत पूछे गए एक सवाल के जवाब में मंत्रालय ने कहा कि इसका कारण यह है कि देश का संविधान शैक्षिक और सैन्य उपाधि के अलावा कोई और उपाधि देने की इजाजत नहीं देता. लखनऊ की दस साल की बच्ची ऐश्वर्या पराशर ने कहा कि वे अपील करेंगी कि सरकार संविधान में संशोधन करें ताकि महात्मा गांधी को यह उपाधि दी जा सके.छठी कक्षा में पढ़ने वाली ऐश्ववर्या के पिता संजय शर्मा ने बताया कि उनकी बेटी सात साल की उम्र से आरटीआई के तहत जानकारी लेती आई हैं.
'राष्ट्रपिता' क्यों?
ऐश्वर्या ने यह पूछा था कि गांधीजी को 'राष्ट्रपिता' क्यों कहा जाता है और क्या उन्हें यह उपाधि दी गई है.इसके जवाब में उसे बताया गया कि गांधीजी को ऐसी कोई उपाधि नहीं दी गई है.इसके बाद उसने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर महात्मा गांधी को राष्ट्रपिता घोषित करने के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए कहा.ऐश्वर्या की यह अर्जी गृह मंत्रालय को भेजी गई और पूछा गया कि उसके आवेदन पर क्या कार्यवाही की गई है.गृह मंत्रालय ने अपने जवाब में महात्मा गांधी को 'राष्ट्रपिता' का खिताब न दिए जाने के लिए संवैधानिक मजबूरियों का हवाला दिया.मंत्रालय का कहना था कि संविधान के अनुच्छेद 8(1) शैक्षिक और सैन्य खिताब के अलावा सरकार को कोई और उपाधि देने की इजाजत नहीं देता।
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