ये बात हवाओंं को बताए रखना, इस तिरंगे को अपने दिल में बसाए रखना..बेलापुर मनपा मुख्यालय के समीप से होकर पामबीच रोड से मुंबई-पुणे की ओर गुजरने वाले हर शख्स का दिल यहां से गुजरते हुए गुनगुनाने लगता है. रुक जा रे रुक जा दिल, तू मेरे यहीं, जो बात इस जगह है कहीं पे नहीं. सच में मन कहता है कुछ पलों के लिए यहीं ठहर जाएं, खड़े होकर खिंचवा लें एक तस्वीर ताकि यादगार बन जाए वह लम्हा कि हिन्दुस्तान के सबसे ऊंचे ध्वज स्तंभ पर तिरंगे को इतराते हुए देखा है. 225 फुट के ऊंचे ध्वज स्तंभ पर फहरते इस राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई 70 फुट एवं चौड़ाई 50 फुट है.टेलीफैब्रिक क्लॉथ से निर्मित इस ध्वज का कुल वजन 40 किलोग्राम है.जी हां, मनपा मुख्यालय पर लहराता हुआ यही राष्ट्रध्वज नवी मुंबई की शान बन रहा है.भर आती हैं आखें, उभर आता है देशप्रेम
नवी मुंबई के बेलबूटे में सम्मान का यह नया सितारा है जिसे पूर्व सांसद संजीव नाईक ने जड़ा है. 19 फरवरी 2014 को तत्कालीन केन्द्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने इसका उद्घाटन करते हुए जब ध्वजारोहण किया तब देशाभिमान से उनकी भी आंखें डबडबा गयी थी.यहां मौजूद हजारों लोगों के नैन भी राष्ट्रीय स्वाभिमान से छलक उठे थे. उपर उठते झंडे के साथ मादरे-वतन को बुलंदियों पर देखने का अरमान भी ऊंचा उठता चला गया था. आज भी इसे देखकर स्वाधीनता के गर्व से सीना फूलता है.इस स्वाधीनता, संप्रभुता और उमड़ते राष्ट्रप्रेम का गवाह बन रही है नवी मुंबई. यह तिरंगा हजारों आगंतुकों के लिए प्रेरक बन रहा है. यकीनन आज जब भी इधर से गुजरेंगे, बुलंदियों पर इसे लहराते देख आप भी बरबश गुनगुना उठेंगे..विजयी विश्व तिरंगा प्यारा.झंडा ऊंचा रहे हमारा....
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